जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर हादसे की वजह मानवीय गलती, जांच पर आई संसदीय समिति की रिपोर्ट
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत की जिस हेलिकॉप्टर क्रैश में मृत्यु हुई थी, उसे लेकर रक्षा मंत्रालय की स्थायी समिति ने एक रिपोर्ट पेश की है। इसके मुताबिक, 8 दिसंबर 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर में Mi-17 V5 चॉपर क्रैश ‘ह्यूमन एरर’ के चलते हुआ था। 18वीं लोकसभा की स्थायी समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2017 से 2022 के दौरान भारतीय वायु सेना की कुल 34 दुर्घटनाएं हुईं। वित्तीय वर्ष 2021-2022 के दौरान नौ दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें से 8 दिसंबर 2021 की दुर्घटना “ह्यूमन एरर (एयरक्रू)” के कारण हुई थी।
हादसे में जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत कुल 12 लोगों की जान गई थी। जनवरी 2022 में तीनों सेनाओं की संयुक्त जांच यानी ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बकी शुरुआती रिपोर्ट में भी यही कहा गया था कि हेलिकॉप्टर पायलट की चूक की वजह से क्रैश हुआ था। रिपोर्ट के मुताबिक, इस हादसे में किसी तरह का टेक्निकल फॉल्ट, साजिश या लापरवाही नहीं थी। इसके मुताबिक मौसम में अचानक बदलाव और बादलों के आ जाने की वजह से पायलट गलती से पहाड़ियों से टकरा गया।
हेलिकॉप्टर क्रैश को लेकर एक चश्मदीद ने बताया था कि हेलिकॉप्टर तेजी से पेड़ों पर गिरा था। इसके बाद उसमें आग लग गई। एक और चश्मदीद का कहना था कि उसने जलते हुए लोगों को गिरते देखा था। घटना के एक चश्मदीद कृष्णास्वामी ने बताया था- ‘मैं अपने घर में था। तभी एक तेज आवाज सुनाई दी। बाहर आकर देखा तो एक हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था। यह एक के बाद एक दो पेड़ों से टकराया। इसके बाद उसमें आग लग गई। CDS बिपिन रावत का जो हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ उसे ‘मास्टर ग्रीन’ कैटेगरी का क्रू उड़ा रहा था। हेलिकॉप्टर को उड़ाने वाला पायलट और उसका पूरा क्रू अच्छी तरह से ट्रेन्ड था। वह ‘मास्टर ग्रीन’ कैटेगरी का था। तीनों सेनाओं के हेलिकॉप्टर बेड़े और परिवहन विमान के बेस्ट पायलटों को मास्टर ग्रीन कैटेगरी दी जाती है, क्योंकि वे कम विजिबिलिटी में भी प्लेन को लैंड या टेक ऑफ करने में माहिर होते हैं।